X-BAT AI Fighter Jet : इस देश ने बनाया AI फाइटर जेट ताकत देख दुनिया में खलबली शुरू हुई
X-BAT AI Fighter Jet : इसे हथियारों की दुनिया में सबसे बड़ा क्रांति कहा जा रहा है AI वाले इस Fighter jet को नाम दिया है X-BAT इस Fighter jet को अमेरिका की एक कंपनी बना रही है इस कंपनी का नाम है सीड AI इस कंपनी ने AI आधारित फाइटर जेट की सभी टेस्ट पुरे कर लिए है | इस कंपनी का दावा है कि अगले साल 2026 तक ये फाइटर जेट पहली उडान भर लेगा |
AI फाइटर जेट
इस विडियो फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी ने खुद जारी किया है वीडियो के जरिए कंपनी ने फाइटर जेट के चरण बताए है | पहले चरण में ये फाइटर जेट 1787 फीट की ऊचाई तक पहुचता है यह AI फाइटर जेट अलग अलग किस्मो से उड़ान भर सकता है आम तौर पर आपने देखा होगा की फाइटर जेट को उड़ान भरने के लिए रण वे की जरूरत पड़ती है ताकी फाइटर जेट का इंजान इतनी उड़ान भर सके की विमान हवा में जा सके |
अमेरिकी कोस गार्ड ड्रोन
अमेरिकी कोस गार्ड ने इसी कंपनी के फी बैट जोन का ऑर्डर ने इसी कंपनी के वी बैट ड्रोन का ऑर्डर दिया है एक रिपोर्ट के मुताबिक कोस गार्ड ने इन ड्रोन के लिए लगभग 200 मिलियन डॉलर की कीमत से ऑर्डर दिया है | ड्रोन और फाइटर जेट में सबसे बड़ी समानता यह है कि ये दोनों ही सीधे आसमान की तरफ उड़ान भरते है लेकिन दोनों की भूमिका काफी अलग है |
AI फाइटर जेट
वी पेड ड्रोन को निगरानी और जानकारी इकठ्ठा करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है जब की X-BAT बिलकुल एक फाइटर जेट जैसा है यानि यह आसमान में दुसरे विमानों से टक्कर लेने के साथ जमीन पर मौजूद टारगेट को तबाह करने में सक्षम है | ये पहली बार है कि आसमान में उड़ने वाला जेट AI से लैस किया गया है |

लेकिन आज के समय में कुछ ऐसे वैपन सिस्टम मौजूद है जो जमीन और पानी पर ओपरेट करते है ये भी पूरी तरह से AI से लैस है मौजूदा समय में AI से चलने वाले हथियारों को समझने के लिए आपको DNA के स्पेसल रिपोर्ट को देखनी चाहिए |
दुनिया के सबसे बड़े टकराव युक्रिन और रूस के युद्ध में AI से लैस वैपन सिस्टम तैनात है जो युद्ध के मैदान पर काम करते हुए कामयाद साबित हुए है | पहले वैपन सिस्टम का नाम है मारकार जो AI से चलता है यह एक छोटा टैंक है उडान बी ये भी एक छोटे टैंक की तरह चलता है ये दोनों ही हथियारों को रूस ने ही बनाया है | हलाकि उड़ान बी का फ्रंट लाइन में स्तेमाल नही किया गया है लेकिन मारकर नाम के युजीबी का रूस ने स्तेमाल कर लिया है | विशेषज्ञों का कहना है कि AI वाला टैंक भविष्य युद्धों के लिए एक सबक जरुर दिया है
युक्रेन युद्ध
युक्रण युद्ध ने दुनिया को बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग करना भी सिखाया है | इस ड्रोन को युक्रेन युद्ध में स्तेमाल कर रहा है इस ड्रोन को ब्रिटेन ने युक्रेन को दिया है युद्ध के समय में इस ड्रोन का स्ट्राइक रेट 100% रहा है खास कर रुसी शैनिको के सप्लाई में और वाहनों को इस ड्रोन ने तबाह किया है |
अमेरिका
रूस की ही तरह अमेरिका के पास भी AI वैपन सिस्टम है इसका नाम है सी.आई.डब्लू.एस. ये अमेरिकी नेवी की जहाजो के लिए बनाई गई रक्षा तकनीक है इस रक्षा प्रणाली का आधार AI आधारित है इस AI के जरिए दुश्मन के ड्रोन या नाव का पता लगा सकते है AI वाला ये रडार 24 किलोमीटर दूर से ये दुश्मन को पहचान लेता है |
पाकिस्तानी आतंक
पाकिस्तानी आतंक के खिलाफ भारत में ओपरेशन सिंदूर में भी AI का उपयोग किया गया था | जिससे भारत ने न सिर्फ आतंकी अड्डो को निशाना बनाया बल्कि पाकिस्तान के जवाबी हमलो को भी नाकाम किया गया | भारत के हवाई रक्षा सिस्टम आकास तीर को AI से लेस किया गया था AI की मदद से सभी किस्म के रडार और सेटलाईट की जानकारी को एकीकृत किया गया |
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