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Toggleworld tribal Day || विश्व आदिवासी दिवस के बारे में पूरी जानकारी
world tribal Day : यह दिन आदिवासी लोगो के लिए एक प्रमुख दिन है विश्व आदिवासी दिवस हर वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है | यह दिन को पुरे विश्व भर के आदिवासी लोगो वह उनके योगदान और उसकी संकृतियो को सम्मान वह बढावा देने के लिए यह दिन को विश्व आदिवासी दिवस के पुर में समर्पित किया है |
आदिवासी लोग
आदिवासी जो प्रकृति के नजदीक रहते है, हमारे धरती के सबसे पुराने मूल निवासी है | वे पहुत बहे से अपनी अनूठी जीवन शैली, परंपराओ और ज्ञान के साथ मानवता को समृद्ध वह उन्नत करते आए है | आदिवासी समुदाय के लोग प्रकृति को ही भगवान मानते है और पहले से ही वह प्रकृति को मानते आए है | वे प्रकृति के साथ ताल मेल बिठा कार अपना जीवन जीते है | आदिवासी लोग पेड़ पौधे जानवर वह नदियों का संम्मान करते है |
विश्व आदिवासी दिवस के मुख्य बिंदु
- विश्व आदिवासी दिवस – प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त मनाया जाता है |
- आदिवासी – प्रकृति के साथ वह करीब रहने वाले वृथ्वी के मूल निवासी है |
- आदिवासी समुदाय – प्रकृति को भगवान मानते है और उसके साथ ताल मेल बना कर रहते है |
- विश्व आदिवासी दिवस मानाने का मुख्य उद्देश्य – आदिवासी समुदाय के बारे में लोगो के बीच जागरूकता को बढाना और आदिवासी लोगो के अधिकारों की रक्षा करना है |
- विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास कब से शुरु हुआ – सन 1982 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिन की शुरुआत किया गया |
- विश्व आदिवासी दिवस 2024 का थीम – “ स्वच्छिक अलगाव और प्रारंभिक संपर्क में स्वदेशी लोगो के अधिकार की रक्षा “ करना है |
- आदिवासी संस्कृति की प्रमुख विशेषताए – प्रकृति के साथ गहरा लगाव, सामुदायिक जीवन व्यतीत करना, इनमे अनूठी कला का होना, आदिवासी लोगो में संस्कृति वह औषधियों का ज्ञान होना |
- आदिवासी लोगो या समुदायों के सामने चुनौतिया – आदिवासी भूमि पर आम लोगो का कब्ज़ा, दिन ब दिन बढते वनों की कटाई, आदिवाली लोगो पर सामाजिक उत्पीडन |
- विश्व आदिवासी दिवस का महत्व – आदिवासी समुदायों के योगदान को याद दिलाता है और आदिवासी लोगो के अधिकारों के लिए आवाज उठाने का असवर प्रदान करता है |
आदिवासी लोग कौन होते है ?
वह लोग जो किसी क्षेत्र के मूल निवासी होते है और आधुनिक समाज के निर्माण होने से पहले ही वहां रहते आ रहे है आदिवासी लोग अपनी विशिष्ट भाषा, संस्कृति, रीती रिवाज और धार्मिक विश्वासो के लिए अपनी एक अगल पहचान से जाने जाते है |
आदिवासी समुदाय के लोग पुरे दुनिया के हर देश में पाए जाते है दुनिया के कुल जनसँख्या का लगभग 5% हिस्सा आदिवासी लोग रहते है | भारत में आदिवासी लोगो कि संख्या देश के कुल जनसँख्या के 8% आबादी है |
आखीर 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1982 में आदिवासी लोगो के अधिकारों और वह आदिवासी लोगो के बेहतरी के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया था | इस बैठक के बाद से 9 अगस्त को हर वर्ष विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है |
इस दिन को मानाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के लोगो में आदिवासी समुदाय के बारे में लोगो के बीच जागरूकता बढ़ाना और आदिवासी लोगो के अधिकारों कि रक्षा करना है इसके साथ 9 अगस्त के दिन उन सभी योगदानो को भी याद किया जाता है जो आदिवासी लोग पर्यावरण वह दुनिया को बेहतर बनाने के लिए काम करते आये है |
विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास क्या है
21 सदी के समय में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पाया की दुनिया भर आदिवासी समुदाय बहुत से समस्याओ के जूझ रहे है | इस समस्याओ में प्रमुख बेरोजगारी, बधुआ मजदुर बन कर काम करने की समस्या और बहुत से तरह के भेदभाव शामिल थे |
इन समस्याओ को हल करने और आदिवासी लोगो के अधिकारों की रक्षा करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1982 में एक विशेष समूह का निर्माण किया, जिसे यूएन ग्रुप आँन इंडिजिनस पापुलेशन( UNWGIP) के नाम से जाना जाता है |
9 अगस्त, सन 1982 को इस समूह की सबसे पहली बैठक हुई | इस बैठक में पुरे दुनिया भर के आदिवासी लोगो की समस्याओं किस तरह हल किया जाए और आदिवासी लोगो के संघर्ष पर मुख्य रूप से चर्चा हुआ | संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस समस्याओ को गंभीरता से लिए और आदिवासी के अधिकारों पर काम करने का निर्णय लिया |
सन 1994 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह निर्णय लिया कि हर वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाएगा | इस दिन को इस लिए तैय किया क्योकि इस दिन UNWGIP की पहली बैठक का आयोजन किया गया था इस दिन को मनाने का मुख्या उद्देश्य आदिवासी लोगो के हित और उनके अधिकारों के रक्षा पर मुख्य रूप से काम करना है |
विश्व आदिवाशी दिवस 2024 का थीम
9 अगस्त 2024 को विश्व के आदिवसी लोगो का पर थीम “ स्वैच्छिक अलगाव और शुरूआती संपर्क में स्वदेशी लोगो के अधिकार की रक्षा करना” पर केद्रित किया गया है |
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