Table of Contents
Toggleविज्ञान दिवस का इतिहास : history of science day
भारत में पहली बार national science day 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था| राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले 1986 में राष्ट्रिय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद ने दिया था| और भारत में हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रिय विज्ञान दिवस मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का कारण भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमण द्वारा 1928 में कोलकाता में की गयी एक अहम वैज्ञानिक खोज थी| प्रकाश की फोटान सिधांत से जुडी खोज को रमण प्रभाव कहा गया| क्योंकि इसके खोजकर्ता सीवी रमण थे| इस खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था| राष्ट्रिय विज्ञान दिवस का मकसद विज्ञान से होने वाले फायदे के बारे मे समाज में जागरूकता फैलाना और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए मनाया जाता है|
राष्ट्रिय विज्ञान दिवस 2024 का विषय : theme of national science day 2024
2024 के national science day का विषय या थीम ” विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक” इसका मकसद वैज्ञानिक उन्नति में पारम्परिक ज्ञान के महत्त्व को उजागर करना है| इसके अनुसार वैज्ञानिक, तकनिकी और इनोवेशन कौशल को बढ़ावा देने पर जनता का ध्यान केन्द्रित करना है| यह विषय प्रौद्योगिकी के जरिये देश की समस्याओ का समाधान करने में भारतीय वैज्ञानिको की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालती है| इसका मकसद भारत की वैज्ञानिक प्रगति में घरेलु नवाचारो के महत्त्व पर भी जोर देना है|
अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : international science day
अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 10 नवम्बर को मनाया जाता है| यूनेस्को ने साल 2001 में इसकी शुरुआत की थी| और इस दिन को मनाने का मकसद निम्न पहलु है :-
- समाज में विज्ञान की अहम् भूमिका पर ध्यान देना है|
- उभरते वैज्ञानिक मुद्दों पर जनता को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना है|
- शांति और विकास को बढ़ावा देना है|
- विज्ञान को लेकर जागरूकता बढ़ाना है|
- विज्ञान के क्षेत्र में और उसके विकास के बारे में जानकारी देना है|
राष्ट्रिय विज्ञान दिवस पर पुरस्कार : award on national science day
National Science Day पर विज्ञान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है| यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में की गयी पुरे जीवन की उपलब्धियों और योगदान के लिए दिए जाते है| भारत में हर साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार दिया जाता है| यह भारत का सर्वोच्च बहु-विषयक विज्ञान पुरस्कारों में से एक है| राष्ट्रिय विज्ञान पुरस्कार का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाले नवाचार के विभिन्न क्षेत्रो में वैज्ञानिको, प्रौद्योगिकीविदो और नवप्रवर्तको द्वारा ब्याक्तिगत रूप से या टीम में किये गए उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान है|
राष्ट्रिय विज्ञान पुरस्कार को चार श्रेणियों में दिया जाता है : national science award
- विज्ञान रत्न (vigyan ratna)
- विज्ञान श्री (vigyan shree)
- विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर (science youth peace Swarup Bhatnagar)
- विज्ञानं टीम (science team)
हर साल 13 क्षेत्रो में महत्वपूर्ण योगदान के लिए National Scince पुरस्कार दिए जाते है| इन पुरस्कारों के लिए नामांकन हर साल 14 जनवरी से राष्ट्रिय विज्ञान दिवस 28 फरवरी के बिच आमंत्रित किया जाता है उसके बाद इन पुरस्कारों की घोषणा 11 मई को राष्ट्रिय प्रौद्योगिकी दिवस पर किया जाता है|
- विज्ञान रत्न पुरस्कार :- यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में पुरे जीवन भर उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिय जाता है|
- विज्ञान श्री पुरस्कार :- यह पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है|
यह भी पढ़े :-
1.CGBSE Board Exam : छत्तीसगढ़ में अब 10वी-12वी की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार होगी
3.Inflation : महंगाई पहले और अब देखिये धीरे-धीरे कैसे बढ़ रहा है
4.PAAKISTAAN KI PHLI MAHILAA MUKHYMANTRI : पाकिस्तान की पहले महिला मुख्यमंत्री मरयम जाने इनके बारे में
5.shahid veer naarayan sinh smark : शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक जाने इसकी पूरी कहानी