Life Of Villages In Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के गाँवों की प्रमुख विशेषता
Life Of Villages In Chhattisgarh : भारत के लोगो के दिलो में उनका अपना गाँव जरुर बस्ता है जब भी हम हमारे इस व्यस्त जिंदगी से परेसान हो जाते है तो तब हमें वो गाँव की वो खुबसूरत दिन याद आ जाता है जो हम अपने गाँव में बिताए है | गांवो में मिट्टी और खप्पर का घर गांवो का सुन्दर खेत खलियान गाय बकरियों कि आवाज बचपन के हमारे अजब गजब खेल ये सब हमारे दिन में इस लिए अभी भी है क्योकि गाँव में ही हमारे सबसे अच्छे समय को बिताए है |
मै उड़न किला गाँव की बात कर रहा हूँ |
गाँव में तेल निकालने का यंत्र
Chhattisgarh Village Life : आज से हजारो वर्ष पहले लोग अपने हाथ से तेल पैर कर निकला करते थे जिसका इस्तिमाल आज भी इस गाँव में हो रहा है | इसे तिरिही कहते है इससे तेल पेरा जाता है | इस यंत्र से शुद्ध तेल निकाल सकते है |
धान लाने ले लिए लकड़ी का उपयोग
जिस तरह कावर को ले जाते है वैसे ही पहले के समय में लोग गांवो में एक लकड़ी के सहारे जो धान के बीड़ा होता है उसको बाध कर लाते है इसमें धान का 2 से 4 बीड़ा ही आ सकता है |
गाडाबाईला
Chhattisgarh Village Life : गांवो में ज्यादा समान को ले जाने के लिए गाडाबाईला का उपयोग करते है | गावो के लोग इसका उपयोग ज्यादा तर अपने खेतो के काम को करने के लिए करते है |
बाड़ी
गांवो में हर घरो में छोटे छोटे खुबसूरत बाड़ी होती है जहा पर लोग अपनी जरूरत के साग सब्जी उगाया करते है | यह सब्जी बहुत अच्छे होते है इसमें किसी भी तरह के जैविक खाद का उपयोग नही होता है | अक्सर गांव में किसान अपने रोज़मर्रा के सब्जी के लिए बाड़ी का उपयोग करते है |
कलारी
गाँव में इसका उपयोग पैरा इकठ्ठा करने के लिए करते है किसानी कार्य के लिए इसका उपयोग किया जाता है |
कुररी
इसका उपयोग जो धान मिजाया रहता है उसको इकठ्ठा करने के लिए करते है | इकठ्ठा हुए धान को दुबारा से बगराने के लिए भी इसका उपयोग करते है |
गौठान
भारतीय संकृति में गाय को भगवान का दर्जा दिया गया है गाय गाँव के लोगो को बहुत प्रिय होता है ऐसा कहते है कि गाय की सेवा करने से पुण्य मिलता है | प्राचीन समय से ही भारतीय संकृति में गयो का बड़ा महत्त्व है | गांवो में गयो को चराने और उन्हें एक जगह इकठ्ठा कर के रखने का स्थान होता है जिसे गौठान कहते है |
चौक
Village Life : हर गांवो में एक प्रमुख चौक या चौराहा होता है जहा पर लोग अपने घर के कामो को पूरा कर के कुछ समय अपने गाँव के लोगो के लिए निकलते है गाँव के चौक में लोग समूह में एक साथ बैठ कर बात करते है जिससे लोगो को पता ही नही चलता कि उनका खली समय कब बीत गया | इस तरह से आपस में मिल कर बात चित करने से भाई चारा लोगो में बना रहता है |
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