kidney : किडनी
किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगो में से एक है| यह एक प्रकार का शरीर का छन्नी है| जिससे रक्त से सारे विषाक्त तथा बेकार पदार्थ को बाहर निकालती है| यह लगातार रक्त को छानता रहता है| और किडनी 24 घंटे काम करती है| ये रक्त से शुगर, तथा हर उन चीजो को जो शरीर को जरुरत नहीं होती है उसे बाहर करती है| ये अपशिष्ट मूत्राशय के द्वारा पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल दिए जाते है|
about kidney : किडनी के बारे में
kidney का काम क्या है आप समझ गए होंगे| किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी अंग है| क्योंकि हमारे शरीर से सभी अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालने का कार्य करती है| आइये देखते है किडनी के कुछ महत्वपूर्ण कार्य :-
- सबसे बड़ी बात अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालना
- दवाओ में मिले केमिकल को अलग करना
- लाल रक्त कोशिकाओ के उत्पादन पर नियंत्रण रखना
- सक्रीय डी विटामिन का निर्माण करना
- रक्त में नमक, जल तथा अन्य खनिज का संतुलन बनाना
- रक्त में उपस्थित अतिरिक्त शुगर को अलग करना
- रक्त के दबाव को नियंत्रित करने वाले हार्मोन बनाना आदि|
kidney disease : किडनी बीमारी कारण तथा लक्षण
किडनी जब तक सही है तब तक आप बिल्कुल स्वस्थ है और जरा सा भी इसमें कुछ खराबी हुई वैसे ही आप अस्वस्थ हो जायेंगे| दुनियाभर में बहुत से करोडो लोग किडनी की बीमारी से जूझ रहे है| किडनी बीमारी बहुत से कारणों से होती है सबसे जरुरी है जीवनयापन आपका लाइफस्टाइल कैसा है| kidney disease सबसे ज्यादा अत्यधिक तनाव तथा डायबीटीज की वजह से होती है| आइये देखते है उन कारणों को :-
- डायबीटीज की वजह से
- अधिक तनाव हाइपरटेंशन
- धुम्रपान करना
- मोटापा
- शराब का अधिक सेवन करने से
- अधिक दर्द की दवाई लेने से
- कुछ अनुवांशिक वजहों से आदि|
किडनी में बहुत से फिल्टर्स होते है जिन्हें नेफ्रान कहते है| डायबीटीज की वजह से रक्तचाप उच्च हो जाता है जिससे नेफ्रान के रक्त कोशिकाएं ख़राब हो जाती है| राष्ट्रिय किडनी फाउंडेशन के अनुसार दर्द की दवाई से किडनी के कार्यक्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है| दरअसल पेंकिलर्स किडनी में रक्त के बहाव को कम कर देती है जबकि किडनी को अपशिष्ट बाहर निकालने के लिए अच्छे रक्त बहाव की जरुरत पड़ती है|
दूसरी ओर मोटापा अधिक बढ़ने से मेटाबोलिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हाइपरफिल्ट्रेसन की आवश्यकता होती है| और इस समय अगर फिल्ट्रेसन के समय किडनी पर दबाव बढ़ता है जिससे क्रानिक किडनी की बीमारी होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है| सबसे अधिक सीधे तौर पर किडनी को प्रभावित शराब करता है| यह किडनी के हार्मोनल नियंत्रण को प्रभावित करता है|
chronic disease symptoms : क्रानिक बीमारी के लक्षण
- यूरिन (मूत्र) में झाग का आना
- अधिक थकान महसूस होना
- अधिक या कम बार यूरिन का आना
- त्वचा में खुजली होना
- मतली होना
- भूख न लग्न
- और आगे अधिक प्रभाव पड़ने लगता है|
- हाथ तथा पैर का सुन्न पद जाना
- सांस लेने में कठिनाई होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सांस में अमोनिया का गंध आना
- उल्टियां जैसी समस्या आदि|
ऐसे ही और अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए हमारे वेबसाइट को जरुर फॉलो करे तथा किडनी की बीमारी से कैसे बचा जाये तथा उसका निवारण क्या है इसके बारे में जानेंगे तब तक लिए बने रहिये : sujhaw24.com
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