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ToggleKargil victory day | कारगिल विजय दिवस
Kargil victory day : कारगिल विजय दिवस अर्थात भारत देश के लिए ख़ुशी और दुःख दोनों वाला दिन है | ख़ुशी जीत कि और दुःख इस लिए क्युकी इस युद्ध में देश ने अपने कई वीर सपूतो को खो दिया | इस युद्ध में भारत के कई वीरो ने अपने प्राणों का बलिदान देकर भारत कि रक्षा कि है | उनके इस बलिदान को देश कभी भी नही भुला पायेगा | आज केदिन ही हमारे देश ने पाकिस्तान को कारगिल में हराकर अपनी विजय गाथा लिखी थी | इस युद्ध को जितते और देश को दुश्मनों से बचाने के लिए हमारे देश के कई वीर जवानो ने हँसते – हँसते अपने प्राणों को निछावर कर दिया | आज कारगिल विजय दिवस कि 25वी बरसी है |
कारगिल विजय दिवस क्यों मनाया जाता है ?
कारगिल विजय दिवस अर्थात ऐसा दिन जिस दिन को याद करके हर भारतीय गर्व महसूस कर सकता है | यह एक ऐसा दिन है जो भारत के लिए यहाँ रहने वालो के लिए सदा के लिए अमर हो गया है | इस देश के कई वीर सपूतो ने अपना बलिदान दे कर अपने मातृभूमि कि रक्षा कि है | यह पुरे भारत के लिए बहुत ही गर्व का दिन है | इस दिन भारत के वीर सपूतो को याद करके हर किसी कि आँखे नम हो जाती है |
वही गर्व कि भी अनुभूति होती है | यह दिन भारत देश के लिए बहुत ही ख़ास है इस दिन पाकिस्तान पर भारतीय सेना कि जीत और वीरो के शहादत को सामान दिने और उन्हें याद करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है |
कारगिल युद्ध कब हुआ था ?
कारगिल का युद्ध भारत और पाकिस्तान कि सेना के बीच साल 1999 में साल के शुरुआत में हुआ था | पाकिस्तानी सैनिको ने नियंत्रण रेखा को पार करके भारत में घुसपैठ कि कोशिश कर रहे थे | यह युद्ध करीब 84 दिनों तक चला था जिसमे भारत ने पाकिस्तान को हराकर विजय पायी थी | हर भारतीय आज के दिन को याद करके अपने वीर जवानों पर गर्व महसूस करता है |
कारगिल युद्ध कि कहानी
10 मई साल 1999 को द्रास , काकसर , बटालिक सहित कई सेक्टर में करीब 800 पाकिस्तानी सैनिको कि घुसने कि खबर मिली थी | इसके बाद ओपरेशन विजय के तहत भारतीय वायुसेना ने इस घुसपैठियों कि ऊपर बम बारी कर उन्हें यहाँ से खदेड़ दिया | इसके बाद 27 मई को पाकिस्तान ने भारत के 2 लड़ाकू विमानों को मार गिराया जिसमे भारत के फलाईट लेफ्टनेंट के. नचिकेता को बंदी बना लिया और स्कवाड्रन लीडर अजय अहुजा शहीद हो गये |
इस घटना के बात उस समय के भारत के प्रधान मंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने घोषणा कर दी खी भारत के कश्मीर में युद्ध के आलात बन गये है | 4 जुलाई भारत के सेना ने लगातार 11 घंटो तक पाकितानी सेना से लड़ाई लड़ कर भारत के टाइगर हिल्स पर तिरंगा लहराया | इसके बाद भारतीय सेना ने द्रास जो दुश्मनों के कब्जे में आ गया था उसे भी वापस ले लिया |
इसके बाद 7 जुलाई को भारतीय सेना ने बाल्टिक पर भी युद्ध लड़ कर अपना कब्जा जमा लिया | लेकिन इस युद्ध में भारत के एक वीर सपुत कैपटन विक्रम बत्रा शहीद हो गये |
11 जुलाई को भारतीय सेना ने बालटिक सेक्टर के चोटियों को भी अपने कब्जे में ले लिया | इसके बाद पाकिस्तान के उस समय के प्रधानमंत्री मंत्री नवाज सरीफ ने भारत के सामने बात-चित कि पेशकश कि | 26 जुलाई को भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना को भारत कि भूमि से पूरी तरह से खदेड़ दिया | और 26 जुलाई को भारत ने कारगिल विजय कि घोषणा कर दी | इस तरह भारत ने इस युद्ध को अपने नाम कर लिया | और इसी के याद में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है |
भारत के कितने जवान शहीद हुए थे ?
26 जुलाई को हर साल भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है | क्युकी इस दिन भारत ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त किया था | कारगिल का यह युद्ध मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चली थी | इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हरा कर भारत के सरजमी से मार भगाया था | इस युद्ध में भारत के 527 वीर जवानों ने अपने प्राण गंवा दिए थे | आज पुरे देश में उनकी शहादत को याद कर हर किसी कि आँखे नम है और उन जवानो पूरा देश गर्व कर रहा है |
कारगिल युद्ध भारत के कौन से रेजीमेंट ने लड़ा था ?
कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बिच लड़ा गया था | जिसमे कई वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान देकर देश को विजय बनाया था | यह लड़ाई करीब 3 महीनो तक चला था | जिसमे भारत ने विजय प्राप्त कि थी | इस लड़ाई में भारतीय सेना तीन रेजिमेंट ने हिस्सा लिया था जिसमे सिख रेजिमेंट , नागा रेजिमेंट , और ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट शामिल थे |
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