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ToggleDisturbing Peace in India || भारत में शांति भंग करने पर क्या सजा है ?
Disturbing Peace in India : भारत के छोटे छोटे गाँव से लेकर बड़े बड़े नगरो, महानगरो में यह शांति भंग करने का मामला देंखने को मिलता है l क्या शांति भंग करने पर पक्ष और विपक्ष दोनों को सजा होती है ? अगर सजा होती है तो यह कितने दिनों की होती है ? और इसकी जमानत किस तरह से होती है ? इन सभी सवालों की जानकारी नीचे विस्तृत रूप से दी गई है l
शांति भंग क्या है ?
यह एक सामान्य घटना है जिसमे पक्ष और विपक्ष किसी कारण से आपसी मतभेद या विवाद हो जाते है l विस्तृत रूप से कहे तो दोनों पक्षों में लड़ाई झगडा शुरू हो जाती है l गली गलौच करने लगते है l और दोनों में कई दिनों तक तनाव बना रहता है l इस घटना में किसी को ज्यादा नुकसान नहीं होता है मामूली सी चोट लगी होती है l जो की बाहार से व्यक्ति स्वस्थ रहता है l
आप अपने आसपास इस तरह के घटना देखते ही होंगे जैसे कि व्यक्तियों में जमीन को लेकर विवाद, माता – पिता में अपने बच्चो के लालन-पालन या पढाई-लिखाई , गाँव या शहरों में पुराणी दुश्मनी को लेकर लड़ाई, पेड़-पौधो को काटने, किसानो में फसल के सुरक्षा को लेकर विवाद l
न की किसी का पैर टूट गया, या हाथ टूट गया, या किसी को चाकू से हाथ ,पैर कट गया l अक्सर इस तरह के घटना भारत में चुनाव से पहले या गाँव के गलियों , बस्तियों में देखने को मिलता है l
शांति भंग करने पर क्या सजा है?
इसमें शांति भंग करने वालो को पुलिस crpc की धारा 107 और 116 के अंतर्गत गिरफ्तार करने की सक्ती होती है l यदि पुलिस को लगता है कि दोनों पक्षों में शांति या आपसी समझौता करने की स्थिती नहीं होती तो दोनों पक्षों को गिरफ्तार करता है l इसके अलावा किसी व्यक्ति के कार्य से शांति भंग होती तो पुलिस शांति भंग निवारण के लिए उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर एक या दो दिनों के लिए जेल में रख सकता है l
बाद में उन दोनों पक्षों को एसडीएम के द्वारा नोटिस जरी किया जाता है l जिस तिथि को बुलाया जाता है उसी तिथि को मजिस्ट्रेट (कार्यपालक) में उपस्थित होना होता है l अगर कोई पक्ष के व्यक्ति ऐसा नही करता है तो उसके खिलाफ अलग से मुकदमा चलाया जाता है l
सजा से मुक्ति कैसे मिलेगी ?
शांति भंग करने के मामले में गिरफ्तार व्यक्ति को जेल से मुक्त होने के लिए उसे अपना एक वकील ADVOCATE रखना होगा l जिसमे वकील अपना अलग से चार्ज 30 से 40 हजार रूपये ले सकता है l जिसके द्वारा वकील क़ानूनी नियमो का पालन करके आपको जेल से मुक्त करता है l जेल से मुक्त हो जाने के बाद आपको लगभग 5 से 6 महीने तक मजिस्ट्रेट (कार्यपालक) में हस्ताक्षर करने जाना होता है l जिसमें हस्ताक्षर करने की तिथि अलग अलग होती है l
अंत में बांड भरकर मजिस्ट्रेट (कार्यपालक) को अपना कारण बताते हुए कुछ राशी का भुगतान करना होता है l यह राशी मजिस्ट्रेट (कार्यपालक) द्वारा तय किया जाता है जिसकी राशी कुछ भी हो सकता है l जैसे की तिस हजार या पचास हजार l यह राशी इसलिए लिया जाता है कि वह व्यक्ति भविष्य में इस तरह के कोई दुर्व्यवहार न करे l
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