Chhattisgarh Highest Peak : छत्तीसगढ़ की सबसे ऊची चोटी के बारे में पता चला एक रिसर्च में यह जानकारी आया सामने जानिए क्या है पूरी खबर
Chhattisgarh Highest Peak : छत्तीसगढ़ के भूगोल से जुडी वर्षो पुरानी उलझे हुए सवाल अब दूर होते नजर आ रही है दंतेवाड़ा के बैलाडीला पर्वत श्रृखला में स्थित नंदीराज पर्वत को प्रदेश की सबसे ऊची चोटी के रूप में अभी हाल ही के समय में चिन्हाकित किया गया है | पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी, रायपुर के भूगोल विज्ञान के 3 विशेषज्ञों ने इस पर गहराई से अध्ययन किया इस रिसर्च में यह बात निकल कर सामने आया है |

छत्तीसगढ़ की सबसे ऊची चोटी को लेकर सालो से चल रहे भ्रम अब ख़त्म हो गया है तीन भूगोल वैज्ञानिको के रिसर्च के रिपोर्ट के अनुसार दंतेवाड़ा के बैलाडीला क्षेत्र स्थित नंदीराज पर्वत को छत्तीसगढ़ का सबसे ऊची चोटी घोषित किया गया है |
अब तक बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओ में सामान्य ज्ञान की किताबो और कई ऑनलाइन स्रोतों में देवथानी, गौरलाटा और बदरगढ़ जैसे विभिन्न शिखरों को छत्तीसगढ़ की सबसे ऊची चोटी के बारे में एक रिसर्च सामने आ रहा है इससे पहले छात्रो और परीक्षार्थियों के बीच भ्रम की स्थिति बनी रहती थी |
रिसर्च में जुड़े लोगो ने ख़त्म की यह बहस
रिसर्च को अंजाम देने वाले विशेषज्ञों में डॉ. पुरुषोत्तम लाल चंद्राकर, सहायक प्राध्यापक टिके सिह और देहरादून स्थित सीएसआईआर के जेआरएफ दीपक चद्राकर शामिल थे | ये तीनो वैज्ञानिको ने विभिन्न पर्वतों की ऊचाई को सर्वे ऑफ़ इंडिया और जीपीएस तकनीक के माध्यम से प्रमाणित मापको से मापा |
इस रिपोर्ट के अनुसार नंदीराज पर्वत की ऊचाई गौरलाटा और अन्य पहाडियों से अधिक ऊचाई पर पाई गई, जिससे स्पष्ट होता है कि यही छत्तीसगढ़ का सर्वोच्च बिंदु है |
गौरलाटा को मिला दूसरा स्थान
बलरामपुर जिले में स्थित सामरी पाट क्षेत्र में स्थित गौरलाटा चोटी, जिसकी ऊचाई 1225 मीटर है, इस रिपोर्ट के आने के बाद अब छत्तीसगढ़ की दूसरी सबसे ऊची चोटी मानी जा रही है | कई प्रतियोगी परीक्षाओ में इसे सर्वोच्च चोटी बताया गया था, लेकिन नई रिसर्च ने इसे दुसरे स्थान पर रखा है |
इससे पहले कई किताबो और पोर्टलो ने फैलाया भ्रम
रिसर्च से पहले बहुत से किताबो और ऑनलाइन प्लेत्फोर्म्स में मेकल पर्वत श्रृखला के अंतर्गत आने वाले लिलवानी (1125 मी.), बाइमनगढ (1127 मी.), बदरगढ़( 1176 मी.) जैसे चोटियों को सर्वोच्च बताया जाता रहा | लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब अधूरी जानकारी पर आधारित था |
भूगोल के क्षेत्र में बड़ी सफलता
डॉ. पी.एल. चंद्राकर के अनुसार, राज्य निर्माण के बाद से ही छत्तीसगढ़ के भूगोल से संबंधित कई जानकारी या तथ्यों को लेकर भ्रम बना रहा | ऐसे में सही आकड़ो के आधार पर यह रिसर्च कर आमजन और सभी छात्रो के लिए प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराना जरुरी था |
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