Chhattisgarh Agristack Postal Registration news : इस बार धान बेचने के लिए किसानो को एग्रिस्तैक पंजीयन करना अनिवार्य करनी पड़ रही मसक्कत
Chhattisgarh Agristack Portal Registration news : इस बार धान बेचने के लिए किसानो को एग्रिस्तैक पंजीयन करना अनिवार्य करनी पड़ रही मसक्कत इस बार किसानो को धान बेचने के लिए कड़ी मसक्कत करनी पड़ रही है | डिजिटल युग की इस दुनिया में अब किसानो के खाते और उनकी जानकारी भी डिजिटल किया जा रहा है | छत्तीसगढ़ में अब किसानो को धान बेचने के लिए किसान पोर्टल और एग्रिस्तैक पोर्टल (Agristack Portal ) पर पंजीयन करना आवश्यक है |
Chhattisgarh Agristack Portal Registration : पंजीयन कराने पर एक 11 अंको की ID और पासवर्ड बनेगा | पंजीयन के माध्यम से किसान का सारा डेटा खसरा सम्बंधित सब डिजिटली सेव हो जायेगा | लेकिन एक दिक्कत में इसमें ये आ रही है की जिन किसानो के नामो में गड़बड़ी है , खसरा नंबर में गड़बड़ी है , आधार कार्ड में गलत जानकारी है जिसकी वजह से उन्हें पंजीयन करने में बहुत दिक्कत आ रही है |
Agristack Portal Registration : जब तक किसान इसमें पंजीयन नहीं करेंगे तब तक इस साल उनके धान की बिक्री नहीं होगी | इसलिए समय रहते अपना पंजीयन अवश्य कराएँ | पंजीयन स्वयं कैसे करे (CG Agristack Portal Registration ) इसके बारे में पूरी प्रक्रिया जानने के लिए सर्च करे :- sujhaw24.com (Agri stack registration )

सरकार की महत्वपूर्ण योजना का लाभ इसी में मिलेगा
यह पोर्टल सिर्फ धान बेचने के लिए ही नहीं बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी है | इसमें पंजीयन के बाद किसानों से जुड़ी सभी योजनाओं जैसे पीएम किसान निधि, फसल बीमा, खाद बीज, सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर हो सकेगा | एक बार किसान का डिजिटल रजिस्ट्रेशन आईडी बन जाने के बाद बार-बार दस्तावेज देने की जरूरत सरकारी कार्यालयों में नहीं पड़ेगी |
Chhattisgarh Agristack Portal Registration news : खरीफ सीजन 2024-25 में 27.68 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन करवाया था | इनमें 1.42 लाख नए किसान पंजीकृत हुए थे | जो 2023-24 की तुलना में 25.49 लाख किसानों की तुलना में अधिक है |
Agristack Portal
एग्रीस्टैक (Agristack) एक डिजिटल इकोसिस्टम है | इसका उद्देश्य किसानों की सभी प्रकार की जानकारी जैसे पहचान, भूमि रिकॉर्ड, आय, कर्ज, फसल की जानकारी और बीमा इतिहास को डिजिटल प्लेटफार्म पर एक जगह एकत्र या सेव करना है | हर किसान को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान यानी किसान आईडी दिया जायेगा जिससे वे इस ID के जरिये सभी दस्तावेज तथा योजना का लाभ ले पाएंगे |
कुछ गाँवों की जानकारी इस एप में नहीं है | हालाँकि समय-समय पर इसमें अपडेट किया जा रहा है | ऐसे ही और अधिक जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहे |
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