bhutan : क्या भूटान सच में आने वाले समय में भारत में मिलने वाला है जानिए
bhutan : अगर यह बात कहू कि भूटान भारत का अगला राज्य बनाने वाला है तो क्या आप इस बात को मानेगे ? देश की स्वतत्रता के भारत को यह अवसर मिला था लेकिन एडविना अर नेहरू की अलग योजना थी नेहरू को भारत का एक हिस्सा बनाने से ज्यादा इसे बटने पर ज्यादा रूचि थी | लेकिन अब 70 साल बाद एक बार यह फिर से चर्चा हो रही है कि सिक्किम कि तरह भूटान भी भारत में विलीन हो सकता है |
भारत और भूटान के रिश्ते
हाल ही के कुछ महीनो में भारत और भूटान(bhutan desh kaisa hai ) का रिश्ता तेजी से मजबूत हुआ है भूटान के प्रधान मंत्री एक महीने में कई बार भारत आ चुके है उन्होंने अपनी बातो में यहाँ तक कहा है कि भारत ने उन्हें गढ़ दिया है | इसके बाद भूटान ने बहुत से चीनी संस्थनो को ठुकरा दिया है |

तो यह सवाल ऊचता है कि क्या भारत भूटान(bhutan desh) का अगला राज्य बन सकता है अगर जवाब हा हो तो इससे क्या प्रभाव पड़ेगा | आज के समय में बहुत लोग सोशल मिडिया पर कह रहे है कि भूटान सिक्किम कि तरह भारत में सम्मिलित हो सकता है |
सिक्किम भारत का हिस्सा कैसे बना
उस समय भारत कि भू राजनितिक स्थिति क्या थी ? 18वी शताब्दी के प्रारंभ में पूर्वी हिमालय जिसमे हिक्किम भूटान, नेपाल और तिब्बत शामिल है यह अलग अलग अलग राज्यों में बटा हुआ था | यह राज्य अपनी सीमाओं, व्यापार और राजनितिक प्रभाव को लेकर आपस में लड़ते रहते थे |
सिक्किम का निर्माण कब हुआ
सिक्किम एक छोटा बौद्ध राज्य था जिसे 1642 में फुनसोक नामग्याल ने स्थापित किया था | इस पर कभी नेपाल या कभी तिब्बत कब्ज़ा करने का प्रयास करता रहा | 1775 से लेकर 1788 में सेना ने सिक्किम पर कई बार आक्रमण किया और इसके बड़े भाग को अपने कब्जे में कर लिया | जिससे सिक्किम के राजा को तिब्बत भागना पड़ा और दलाई लामा से मदद मगनी पडी | इससे निपटने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी आगे आई उन्होंने नेपाल पर युद्ध किया और 1816 में सुगौली संधि के माध्यम से नेपाल से सिक्किम को वापस लिया |
1835 में ब्रिटिसंस ने दार्जलिंग को सिक्किम को वापस देने से माना कर दिया | जिससे सिक्किम के राजा उनके विरोध में आ गए | सन 1861 में ब्रिटिसंस ने सिक्किम पर सेना भेज दी और उनसे जबरदस्ती तुमग्लाग संधि साइन करवाई | जिससे सिक्किम कि रक्षा और उसके विदेश निति पर ब्रिटिसंस का नियंत्रण हो गया | 1947 में जब भारत देश आजाद हुआ तब अधिकास रियासते भारत और पाकिस्तान का हिस्सा बन गई |
तब के समय में नेहरू भारत को सिक्किम में मिलाने के पक्ष में नही दे जबकी सरदार वल्लभ भाई पटेल इसके पक्ष में थे | चीन उस समय एक नई भू राजनीतक तकनीक पर काम कर रहा था | इसके आनुसार चीन तिब्बत को अपना हाथ समझता था और सिक्किम अरुणाचल प्रदेश, भूटान, नेपाल, को अपनी पाच उगलिया समझता था |
उनका मानना था कि एक दिन ये सब राज्य चीन का हिस्सा बनेगे | 1959 में जब दलाई लामा भारत आए तब सिक्किम के लोगो को लगा कि भारत के साथ जुड़ने से सिक्किम के लोगो को सुरक्षा और स्थिरता मिलेगी | 1973 में सिक्किम में राज सही को लेकर प्रदर्शन होने शुरु हो गए | राजा चौगियाल ने भारत से मदद मागी और भारत ने सिक्किम के सामने यह सरत रखी कि सिक्किम में लोक तंत्र को स्वीकार करना होगा |
1975 में जनमत संग्रह
1975 में एक जनमत संग्रह हुआ जिसमे 97.5 % लोगो ने भारत में विलीन होने के पक्ष में मत दिया | इसके बाद 36 सविधान संशोधन में सिक्किम भारत का 22वा राज्य बन गया | इसके बाद यह सवाल ऊचता है कि सिक्किम भारत का हिस्सा बन गया तो भूटान(bhutan desh) क्यों नही बना ?
भूटान(bhutan desh ki history) भी सिक्किम कि तरह एक छोटा राज्य था ब्रिटिसंस ने 1910 में पुनाखा संधि के माध्यम से भूटान को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में स्वीकार किया | जिसमे उसकी रक्षा और विदेश नीति में नियंत्रण था | 1947 में भूटान ने लार्ड माउन्ट बेटन ने एक पत्र लिखा जिसमे स्पष्ट किया कि वे भारत का हिस्सा नही बनना चाहते है |
इसके बाद नेहरू ने भूटान के सामने दो प्रस्ताव रखे पहला भारत का राज्य बनने का दूसरा एक संधि पर हस्ताक्षर करने का जिसमे भारत पर भूटान कि रक्षा और विदेश नीति का जिम्मेदार होगा | भूटान ने दूसरा प्रस्ताव स्वीकार किया और 1949 में भूटान ट्रीटी साइन हुई जो भारत और भूटान संबंधो का आधार है |
क्या भूटान भारत के साथ जुड़ सकता है ?
इसके कई कारण हो सकते है
चीन का आक्रामक रुख – चीन भूटान की सीमा पर दबाव बना रहा है वहा आवैध रूप से सड़क और बस्तिया बना रहा है |
भूटान की अर्थ व्यवस्था – भूटान की अर्थ व्यवस्था भारत पर निर्भर है भूटान कि सकल घरेलु उत्पाद का 70% भारत के साथ व्यापार करने से आता है |
नए भूटानी युवाओ की सोच में बदलाव – आज के समय में भूटान के लोग भारत को एक औसर के रूप में देखते है जिससे उन्हें अधिक औसर मिल सके | अभी कुछ ही समय हुआ है कि भूटान के प्रधान मंत्री मोदी जी को बड़े भाई के रूप में मानता हु ऐसा कह कर संबोधित किया | इसके आलावा अभी के कुछ समय में उसकी भारत भूटान के प्रधानमंत्री का भारत यात्रा बहुत बढ़ गया है |
ऐसा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भूटान(bhutan desh) भी भारत में मिलने के विकल्प पर विचार कर सकता है | यह फैसला पूरा भूटान कि जनता का होगा |
ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकरी के लिए sujhaw24.com के हमारे सोशल मिडिया वेबसाईट पर जरुर विजिट |
Join WhatsApp Group | ![]() |
Join Telegram Channel | ![]() |
इसे भी पढ़े –
2.OarFish : क्या है OarFish और ये अभी क्यों चर्चे में बना हुआ है?
3.Cold War : शीत युद्ध के कारणों और परिणामो की व्याख्या
4.Deepseek AI : जानिए चीन का दीपसीक AI क्या है जिससे पूरी दुनिया की टेक कंपनी में हडकंप मच गया है
5.mahakumbh 2025 record : महाकुम्भ नगर प्रयागराज विश्व का सबसे बड़ा जिला बन गया देखिये पूरी खबर