Antriksh Yan : यह यान की लंबाई दिल्ली से भी ज्यादा है, अब अंतरिक्ष में बस सकेंगे लोग, ग्रेविटी भी धरती जैसी है
Antriksh Yan : यह यान जिसका जिसको क्रिसालिस कहते है यह एक सपने जैसा यान है जो दो हजार लोगो को नजदीकी स्टार सिस्टम अल्फा सेचुरी तक ले जा सकता है | 400 साल की यात्रा में कई पीडिया इसमें रहेगी | AI और परतो वाला डिजाइन(Design) इसे खास बनाता है यह हमें अंतरिक्ष यात्रा के भविष्य की दिशा दिखाता है |
कुछ ही समय हुआ है कि वैज्ञानिको(Scientist) ने एक अनोखा अंतरिक्ष यान क्रिसालिस डिजाइन(Design) किया है जिसकी लंबाई दिल्ली से भी ज्यादा है इस यान की लंबाई 58 किलोमीटर है जबकि दिल्ली की लंबाई 51.9km है ये यान 2400 लोगो को पृथ्वी(Earth) से सबसे नजदीक स्टार सिस्टम अल्फा सेचुरी तक ले जा सकता है | यह यात्रा एक तरफा होगी इस यात्रा में करीब 400 साल लग सकते है |
अल्फा सेचुरी तक की यात्रा कैसी रहेगी
अल्फा सेचुरी पृथ्वी से 25 ट्रिलियन मील दूर है जो हमारा सबसे नजदीकी स्टार सिस्टम(Star System) है क्रिसालिस नाम का यह यान 400 साल में इस यात्रा को पूरा कर सकता है इसका मतलब है कि कई पीडिया इस यान में ही जन्म लेगी और इस यान में ही मरेगी क्योकि इनके पूर्वज ही इस यात्रा को शुरूआत करेगे | यह जो यान है वह प्रोक्सिमा सेंचुरी बी नामक एक ग्रह पर लोगो को उतारेगी, जो एक ऐसा ग्रह है जिसे वैज्ञानिको(Scientist) द्वारा रहने लायक माना जाता है यह पृथ्वी के आकार का है |
यह जो परियोजना प्रोजेक्ट हाइपरियन डिजाइन(Design) प्रतियोगिता में पहला स्थान जीत चुकी है जिसमे टीमो को अंतरिक्ष में कई पीडियो के लिए रहने वाले जहाज डिजाइन करने की चुनौती दी गई थी | इसमें जिसने विजय प्राप्त किया उसको 5000 अमेरिकी डालर का इनाम मिला |
क्रिसालिस में जिंदगी कैसे होगी?
इस यान में रहने के लिए पहले लोगो को तैयार करना होगा | वैज्ञानिको(Scientist) का कहना है कि शुरूआती पीढ़ी को 70 से 80 साल तक अटार्कतिका जैसे अलग थलग इलाके में रह कर अनुकूलन करना होगा, ताकी उनकी मानसिक सेहद अच्छी रहे | इसके बाद यान को 20-25 साल में बनाया जा सकता है |

यान का आकार और गुरुत्वाकर्षण – क्रिसालिस यान 36 मील लंबा होगा | इस यान में कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण का निर्माण किया जाएगा, ताकी लोग इसमें पृथ्वी की तरह महसूस कर सके |
रुसी गुडिया जैसी डिजाइन – यह यान का निर्माण बहुत से परतो में बनेगा जैसे रुसी गुडिया | इसके बीच में एक कोर होगा उसके चारो तरफ अलग अलग परते होगी |
कोर – इसमें शटल होगे जो लोगो को प्राक्सीमा सेचुरी बी पर उतारेगे, साथ ही अलग अलग परते होगी |
पहली परत – यह परत से खाना पैदा कर सकेगे, जिसमे पेड़ पौधे, फफूद, कीट और पशु-पक्षी होगे | उष्णकटिबंधीय और और ठंडे जंगलो जैसे माहौल बनाए जाएगे ताकि जैव विविधता बनी रहे |
दूसरी परत – पार्क, स्कूल, अस्पताल और लाइब्रेरी जैसे स्थान होगा |
तीसरी परत – घर होगे, जिनमे हवा और गर्मी का प्रबंध होगा |
चौथी परत – इस परत में रिसाइकलिंग, दवाइया और मैन्युफैक्चरिंग की सुविधाए होगी |
पाचवी परत – यह जो पाँचवी परत है वह गोदाम होगी जहा संसाधन, सामग्री और मशीने रखी जाएगी | रोबोट(Robot) इस स्तर को चलाएगे, ताकि इंसानों को कम मेहनत करनी पड़े |
बिजली – इस यान में न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर से बिजली बनेगी, जो अभी तक व्यवसायिक स्तर पर उपलब्ध नही है |
जनसँख्या नियंत्रण – जन्म को नियोजित किया जाएगा ताकि आबादी 1500 के आसपास रहे जो यान की क्षमता से कम है |
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