Americi H-1B Visa Controversy : अब अमेरिका जाना व रहना हुआ बहुत महंगा डोनाल्ड ट्रम्प ने H -1B वीसा के लिए एक साल का फीस किया 88 लाख
Americi Visa Controversy : अब कोई भी अन्य व्यक्ति अमेरिका में रहने से पहले हजार बार सोचेगा !! क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H -1B वीजा (Americi H-1B Visa) की फीस 88 लाख (एक लाख डॉलर प्रति वर्ष ) कर दी है | इसकी घोषणा 20 सितम्बर को ट्रंप ने किया | यह नियम 21 सितम्बर को लागू हो जायेंगे |
Americi H-1B Visa Controversy : डोनाल्ड ट्रम्प के इस नए फैसले से सब विदेशी नागरिक परेशान हो गए है | क्योंकि फीस बढ़ने से अब कोई भी ऐसे ही अमेरिका नहीं जा पायेगा और जो कम पैसो से अमेरका में जाकर सैटल होना चाहते थे वे भी ऐसा नहीं कर पायेगा |
इस वजह से इसक विरोध भी देखने को मिल रहा है | बहुत सी कम्पनियाँ और लोग (खासकर भारतीय) इसका विरोध कर रहे है | क्योंकि सबसे ज्यादा विदेशी नागरिक अमेरिका में भारतीय ही है |
Americi H-1B Visa Fees
इससे पहले H – 1B वीजा (Americi H-1B Visa New Rule ) के लिए अमेरिका 5 लाख लेता था | और यह 3 साल के लिए मान्य रहता था , जिसे 3 साल के बाद रिन्यू कराया जा सकता था | अब इस वीजा के लिए 6 साल में करीब 5.28 करोड़ रुपये लगेंगे | इस प्रकार देखे तो खर्च अब करीब 50 गुना सीधे बढ़ गया |
अमेरिका प्रत्येक वर्ष लॉटरी से 85,000 H-1B वीजा ( H-1B Visa ) जारी करता है | इसका इस्तेमाल ज्यादातर तकनीकी नौकरियों में किया जाता है | सबसे ज्यादा भारतीय (72%) इसका इस्तेमाल करके अमेरिका जाते है | अब वीजा फीस बढ़ने से 3 लाख से ज्यादा भारतीयों पर इसका सीधा असर पड़ने वाला है |
H-1B वीजा
H-1B वीजा (Americi H-1B Visa ) एक एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है | यह वीजा लॉटरी के जरिए जारी होता है | क्योंकि हर साल कई सारे लोग इसके लिए आवेदन करते है |
यह वीजा स्पेशल टेक्निकल स्किल जैसे IT, आर्किटेक्चर और हेल्थ जैसे प्रोफेशन वाले लोगों को दिया जाता है |
ट्रम्प के 3 नए वीजा कार्ड
Trump Visa Card : डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने H-1B में बदलाव के अलावा 3 नए तरह के वीजा कार्ड भी जारी किये| ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’, ‘ट्रम्प प्लेटिनम कार्ड’ और ‘कॉर्पोरेट गोल्ड कार्ड’ है | ट्रम्प गोल्ड कार्ड (8.8 करोड़ कीमत) व्यक्ति को अमेरिका में हमेशा रहने का अधिकार देता है |

ट्रम्प के इन बदलावों का विदेशी नागरिकों पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला है | अब कंपनियां सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को अमेरिका बुला सकेंगी, जिनके पास सबसे अच्छी काबिलियत होगी |
H-1B वीजा में बदलाव से भारतीयों पर असर
71% भारतीय H-1B वर्तमान वीजा धारक है| यह नई फीस उनके लिए बड़ा आर्थिक बोझ बन सकती है | खासकर मिड-लेवल और एंट्री-लेवल कर्मचारियों को वीजा मिलना मुश्किल होने वाला है | कंपनियां नौकरियां आउटसोर्स कर सकती हैं, जिससे अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के अवसर कम हो जायेंगे |
88 लाख रुपये प्रति वर्ष
इस नियम के अनुसार अब H-1B वीजा के लिए $100,000 (लगभग ₹88 लाख रुपए) की फीस प्रति वर्ष देनी होगी | यह फीस नए आवेदनों और मौजूदा वीजा धारकों के नवीनीकरण (renewals) दोनों पर लागू होगा |
डोनाल्ड ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रम्प (Donald Trump) ने कहा कि यह वीजा प्रोग्राम खास तौर पर धनी विदेशियों के लिए है | ताकि वे 10 लाख डॉलर देकर अमेरिका में रहते हुए काम करे | उन्होंने कहा कि अब अमेरिका सिर्फ टैलेंटेड लोगों को ही वीजा देगा | न कि ऐसे लोगों को जो अमेरिकियों की नौकरियां छिनते है | उन्होंने यह भी कहा कि इस रकम का इस्तेमाल टैक्स को घटाने और सरकारी कर्ज चुकाने में होगा |
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