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ToggleAmbedkar Before Independence : आजादी से पहले अम्बेडकर
Ambedkar Before Independence : सन 1891 में भारत की धरती मे एक ऐसे महान व्यक्ति का जन्म हुआ जिसको दलितों के मुक्ति दाता उधारक व शक्तिसाली नेता साबीत हुए | वे एक महान लेखक वह नारी जानी को ससक्त बनाने वाले सिद्धांत सत्रीय और बौद्ध धर्म के मानवीय सिद्धन्तो के पुनरुउद्धारक थे | मानव के अधिकार को भारतीय समाज में लोगो के बीच स्थापित किया |
सभी मानव सामान है इसको भी लोगो के बीच लाया | वे भारत के वह धर्म के बारे में गहन विचार रखने वाले अर्थ के प्रसिद्ध विद्वान थे | वे बौद्धिक प्रक्रिया के धनी व्यक्ति थे | उन्होंने लोगो के बीच छुआ छूत को भारत के समाज से उखाड़ फेकने का बीड़ा ऊचाया |
देश की आजादी में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का योगदान
आजादी के समय डॉक्टर भीमराव अंबेडकर महात्मा गाँधी के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी | बचपन से लेकर सेना की नौकरी में बड़ा पद पाने तक उन्होंने अपने जीवन में छुआछूत और भेद भाव की असहनीय पीड़ा सही की वे हिंदुस्तान से भेद भाव वह छुआछूत की भावना को जड़ से उखाड़ फेकने का सोच लिया |
बहुत से वर्षो से अपमान उपेक्षा वह तिरस्कार सहते आ रहे थे उन्होंने सोच लिया था कि में भारत के सभी लोगो को न्याय वह समानता का अधिकार दिला कर रहूगा | उन्होंने यह महसूस किया कि दलितों के लिए न्याय समानता और उन्नति के प्रावधान नही किये जाएगे तब तक दलित लोग अपने स्थिति से नही निकल पाएगे |
अम्बेडकर की शिक्षा
उन्होंने यह महसूस किया कि शिक्षा ही वह ताकत वह हथियार है जो हर दलितों को ससक्त बना सकती है और उससे समाज के लोगो को मानवीय अधिकार को समाज के ठेके दारो से वापस दिला सकती है | इसी लिए उन्होंने अपने आप को शिक्षा और ज्ञान से खुद को भरपूर बनाया, उसके बाद दलितों को समानता और अधिकार दिलाने के पक्ष में ससक्त आवाज ऊचाई |
गरीब व उपेक्षित वर्ग
वे खुद गरीब वह उपेक्षित वर्ग से ऊच कर आगे आए थे | एक दिन वह देश के लाखो के दिल का धड़कन और उनका वह मसीहा बन गया | बाबा साहेब अंबेडकर को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कहा जाता है |
भारतीय सविधान के निर्माता
वे भारतीय सविधान के निर्माता थे स्वतन्त्र भारत के पहले कानून मंत्री भी उसे बनाया गया था भारतीय सविधान के निर्माण के बाद उन्होंने हिन्दू कोड बील भी बनाया था |
आजादी के पहले
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जन्म आज से 133 वर्ष पहले हुआ था यह वह काल खंड था जब हमारा भारत देश अंग्रेजो का गुलाम था तथा हमारे देश के लोग ब्रिटिस साम्राज्य वाद का पीड़ा भुगत रहे थे | तब अंग्रेज लोग भारत के लोगो पर जुल्म भी किया करते थे |
भारत के ऊची जाती के स्वर्ण लोग
आजादी के पहले भारत की ऊची जाती के स्वर्ण लोग भी अछूत वह निम्न वर्ग के लोगो को घृणा की नजरो से देखा करते थे | अछूत जनों को वे अपने कुए और नालो से पानी नही भरने दिया करते थे और ऊचे लोग उन्हें छूना बहुत बड़ा पाप समझते थे |
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जन्म
भोला में छुआछूत वह असामनता के ऐसे युग में मध्य प्रदेश के महू नमक स्थान में एक ऐसे महा मानव का जन्म हुआ जिन्होंने दलित वर्ग के लिए मुक्ति दाता साबीत हुआ | और उनके महान कार्यो के कारन दलित समाज उन्हें भगवान मान कर पूजने लगे | उस महा पुरुष का नाम डॉक्टर भीम राव अंबेडकर था |
Ambedkar 14 अप्रैल 1891 को जन्म लिया वे अपने माता पिता के 14 वी संतान थे लेकिन उसके अधिकास भाई बहन कुछ समय जीने के बाद उनकी मृत्यु हो गयी | उनके पिता जी का नाम राम जी राव और माँ का नाम भीमा था भीम राव के पिता मिलिट्री में सूबे दार का काम किया करते थे | लेकिन उन्हें वेतन बहुत कम मिलता था |
15 वर्ष सेना में नौकरी करने के बाद जब वह रिटायर हुए तब वह गाँव महुआ जाकर उसके पिता रामजी राव अपने बच्चो को आगे पढ़ाने का सोचा | लेकिन इसके लिए उसके पास पढ़ने के लिए उचित मात्रा में पैसा नही था |
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